Friday, September 25, 2009

मेरी कमी सताए तो आना

जब मेरी कमी सताए तो आना,
हर दुःख में अपने पास मुझे पाना,


फूलो की बगिया हर दिल को भाए,
चार दिन बस, फ़िर है मुरझाना,
आराम चाहो जब अपने मन का,
कड़वी नीम की छावं में आना,


जब मेरी कमी सताए तो आना.......................

पोर सुबह में अच्छी लगती धूप,
पर कुछ में है उसने ढल जाना,
ढूनडने पर न मिले जो जलस्त्रोत्र,
उस पोखर से ही प्यास बुझाना,


जब मेरी कमी सताए तो आना.......................

2 comments:

  1. amazing seema.....
    vakai main isiliye to tumhara fan hun.....
    bahut sundar hai.....

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  2. its really gud..nice thoughts!
    f possible i invite you to visit my blog once..

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